प्रेम विवाह योग इन कुंडली

प्रेम विवाह योग इन कुंडली
प्रेम विवाह योग इन कुंडली

प्रेम विवाह योग इन कुंडली Prem Vivah Yog In Kundali

प्रेम विवाह योग इन कुंडली Prem Vivah Yog In Kundali, प्यार एक ऐसा एहसास है जो ईश्वर ने इंसान को तोहफे के रूप में दिया है. जीवन में सभी लोगों को कभी ना कभी किसी ना किसी से प्यार जरूर होता है.

ज्योतिष शास्त्र में ऐसे बहुत सारे ग्रह दशा और योग बताए गए हैं जिनके कारण इंसान किसी से प्यार करता है और उसका प्यार शादी तक पहुंच जाता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्रेम विवाह करने वाले लोगों की कुंडली में कौन से योग बनते हैं जिसकी वजह से लोग लव मैरिज करते हैं.

प्रेम विवाह योग इन कुंडली
प्रेम विवाह योग इन कुंडली

1-  अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कारक ग्रहों के साथ साथ अशुभ और क्रूर ग्रह मौजूद हो तो प्रेम विवाह में रुकावट आ सकती है. अगर व्यक्ति की कुंडली में प्रेम विवाह का योग नहीं है तो प्रेम होने के बावजूद शादी नहीं होती है.

2- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल अगर राहु या शनि पर दृष्टि डाल रहा है तो प्रेम विवाह होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. अगर कुंडली में राहु प्रथम भाव यानी लग्न में मौजूद हो पर सातवें भाव पर बृहस्पति की छाया पड़ रही हो तो व्यक्ति अपने परिवार के विरुद्ध जाकर प्रेम विवाह करता है.

3- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पंचम भाव में राहु या केतु बैठे हों तो वह व्यक्ति प्रेम विवाह करता है. कुंडली में राहु या केतु की छाया सप्तमेश पर पड़ने से प्रेम विवाह होने की संभावना ज्यादा होती हैं.

प्रेम विवाह योग इन कुंडली Prem Vivah Yog In Kundali

4- पंचम भाव के साथ साथ उसी भाव में चंद्रमा या मंगल मौजूद होने से व्यक्ति प्रेम विवाह करता है. अगर कुंडली में सातवें भाव का स्वामी सातवें स्थान पर ही मौजूद हो तो भी प्रेम विवाह की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं.

5- अगर कुंडली में शुक्र या चंद्रमा लग्न से पंचम या नवम भाव में मौजूद होते हैं तो व्यक्ति प्रेम विवाह करता है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में लग्न और पंचम के स्वामी या लग्न और नवम के स्वामी एक साथ मौजूद हैं या एक दूसरे के ऊपर दृष्टि डाल रहे हो तो प्रेम विवाह होता है.

6- कुंडली में सप्तम भाव में शनि या केतु के बैठने से प्रेम विवाह होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. अगर कुंडली में सातवें भाव के स्वामी सप्तमेश की छाया द्वादश पर पड़ती है या सप्तमेश की छाया शुक्र के साथ द्वादश भाव में पड़ती है तो प्रेम विवाह होने के योग अधिक हो जाते हैं.

7- ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है की कुंडली में विवाह का संबंध सप्तम भाव से होता है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सप्तम भाव का संबंध तीसरे पांचवें, नौवें, या बारहवें भाव से होता है तो वह व्यक्ति प्रेम विवाह करता है.

8- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु और शुक्र ग्रह शादी के कारक ग्रह होते हैं. अगर किसी लड़की की कुंडली में गुरु ग्रह पर पाप ग्रह की दृष्टि पड़ रही है और लड़के की कुंडली में शुक्र ग्रह पर पाप ग्रह का असर है तो लव मैरिज के योग प्रबल हो जाते हैं.

प्रेम विवाह योग इन कुंडली Prem Vivah Yog In Kundali

9- अगर कुंडली में सप्तम या पंचम भाव पर राहु का असर पड़ रहा है और इन भावों का स्वामी तीसरे, पांचवें, सातवें, ग्यारहवें या बारहवें भाव में मौजूद हो तो प्रेम विवाह होता है.

10- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में नौवें घर में धनु या मीन राशि होती है और शनि या राहु की छाया सप्तम नवम या गुरु पर पड़ती है तो व्यक्ति प्रेम विवाह करता है.

11- अगर दो लोगों के मंगल और शुक्र में आकर्षण ना हो तो उनके बीच प्रेम नहीं हो सकता है. अगर एक व्यक्ति का ग्रह दूसरे के ग्रह पर दृष्टि डालता है पर दूसरे व्यक्ति का ग्रह पहले ग्रह की तरफ नहीं देखता है तो प्यार हमेशा एक तरफा रहता है. ऐसे लोगों की कुंडली में प्रेम विवाह होने का योग नहीं बनता है.

प्रेम विवाह योग इन कुंडली Prem Vivah Yog In Kundali

12- जन्म कुंडली में जन्म लग्न या चंद्र लग्न में शुक्र पांचवे या नौवें स्थान पर मौजूद होने से प्रेम विवाह के योग बनते हैं.

13- अगर कुंडली में लग्न में लग्नेश चंद्रमा मौजूद हो या सप्तम में सप्तमेश चंद्रमा मौजूद हो तो भी प्रेम विवाह का योग बनता है.

14- कुंडली में सातवें भाव में राहु या मंगल होने से प्रेम विवाह की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. अगर कुंडली में राहु लग्न या सप्तम भाव में विराजमान हो और सप्तम भाव पर गुरु की छाया ना पड रही हो तो प्रेम विवाह होने के योग बनते हैं.

15- कुंडली में नवम भाव को धर्म त्रिकोण कहा जाता है. अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में नवम भाव या भावेश के अलावा नवम भाव के कारक बृहस्पति ग्रह पर पाप ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे लोग घर वालों की मर्जी के खिलाफ जाकर प्रेम विवाह करते हैं.

प्रेम विवाह योग इन कुंडली Prem Vivah Yog In Kundali

16- प्रेम विवाह करने वाले लोगों की कुंडलियों में राहु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. अगर किसी व्यक्ति पर राहु का प्रभाव अधिक है तो वह व्यक्ति सोचने समझने की शक्ति खो देता है और प्रेम विवाह करता है.

17- अगर जन्म कुंडली में चंद्रमा या लग्नेश पर पाप ग्रहों की दृष्टि पड़ रही है तो प्रेम विवाह होता है. जन्म कुंडली में अष्टमेश या अष्टम भाव पर राहु, केतु, शनि के साथ साथ मंगल ग्रह की कुदृष्टि पड रही हो तो प्रेम विवाह के योग बनते हैं.

Kundali Me Santan Badha Yog

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